पंजाब हाउसिंग फाइनेंस माफी योजना: डिफॉल्टर्स को मिलेगी राहत

पंजाब हाउसिंग फाइनेंस माफी योजना से डिफॉल्टर्स को राहत मिलेगी। कैबिनेट की मंजूरी पर बकाया राशि का ब्याज माफ होगा, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

  • पंजाब हाउसिंग फाइनेंस माफी योजना के तहत डिफॉल्टर्स को मिलेगी राहत
  • कैबिनेट की मंजूरी से उगाही के रास्ते होंगे साफ
  • प्लॉट्स पर बकाया राशि का ब्याज माफ किया जाएगा

पंजाब हाउसिंग फाइनेंस माफी योजना एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य डिफॉल्टर्स को राहत प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से इंडस्ट्रियल, कमर्शियल, और रेजीडेंशियल योजनाओं में डिफॉल्ट करने वाले लोगों को تواجه करना होगा। यदि आगामी कैबिनेट बैठक में योजना को मंजूरी मिलती है, तो लगभग 1600-1700 करोड़ रुपये की फंसी हुई राशि को वापस मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

पेनल इंटरेस्ट पर मिलेगी राहत

पंजाब में विभिन्न शहरी विकास प्राधिकरणों ने कई योजनाओं के तहत प्लॉट प्रदान किए थे। जिन लोगों ने किश्तें डिफॉल्ट की हैं, उन पर बची हुई राशि पर ब्याज और पीनल इंटरेस्ट लगाया गया। यह ब्याज अब माफ किया जाएगा, जिससे डिफॉल्टर्स को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।

नई राहत योजना की विशेषताएं

इस नए राहत योजना का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को भी राहत प्रदान करना है जिन्होंने कमर्शियल और इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के निर्माण में समय सीमा का पालन नहीं किया। सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे प्लॉट धारक, जिन्हें निर्धारित समय में काम पूरा नहीं हुआ, उन्हें प्लॉट की कुल कीमत का 2.5 प्रतिशत लेकर तीन साल का और समय दिया जाएगा।

तीन साल में निर्माण की अनिवार्यता

आवासीय योजनाओं के तहत भी यदि किसी को प्लॉट अलॉट किया गया है, तो उसे तीन साल के भीतर इसे पूरा करना होगा। नहीं करने पर उन पर नॉन कंस्ट्रक्शन फीस लागू की जाएगी, जो धीरे-धीरे बढ़ती रहेगी। यदि कोई डिफॉल्टर नॉन कंस्ट्रक्शन फीस का 50 प्रतिशत अदा करता है, तो उनकी बाकी फीस माफ कर दी जाएगी।

डिफॉल्टर्स के लिए विशेष प्रावधान

इस योजना के तहत, इंडस्ट्रियल, कमर्शियल और रेजीडेंशियल योजनाओं के डिफॉल्टर्स को राहत मिलेगी। नॉन कंस्ट्रक्शन फीस का भुगतान न करने वाले लोग न तो अपने प्लॉट को बेच सकते हैं और न ही अपने बच्चों के नाम पर ट्रांसफर कर सकते हैं। विभाग ने संबंधित अधिकारियों के साथ तीन सदस्यीय समितियों का गठन किया है, जो किसी भी विवाद को छह महीने के भीतर सुलझाएगी।

सभी फैसलों पर अंतिम मुहर कैबिनेट की बैठक में लगेगी। यह योजना डिफॉल्टर्स के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखी जा सकती है, जो आर्थिक रूप से कठिनाई में हैं।

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