- उत्तर प्रदेश सरकार की कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना किसानों को हर पेड़ लगाने पर आर्थिक लाभ देती है।
- पहले चरण में 401 किसानों को 25.45 लाख रुपये का भुगतान किया गया, योजना और जिलों में विस्तार होगी।
- यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने और भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने में मददगार है।
उत्तर प्रदेश की कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना किसानों को पेड़ लगाने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देती है। यह योजना किसानों को हर पेड़ लगाने पर कार्बन क्रेडिट के जरिए पैसा कमाने का मौका देती है, जिससे पर्यावरण बचाने के साथ उनकी आमदनी भी बढ़ती है। आइए इस योजना के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानते हैं। इस योजना के तहत 401 किसानों को 25.45 लाख रुपये मिलने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने अयोध्या में पौधरोपण अभियान के दौरान किसानों को चेक देकर इसके वितरण की शुरुआत कर दी है।
उत्तर प्रदेश की कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना से किसानों को आर्थिक लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को आर्थिक मजबूती देने और पर्यावरण बचाने के लिए “कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को पेड़ लगाने और हरी-भरी गतिविधियों के लिए सीधे उनके बैंक खातों में पैसे दिए जाते हैं। अब तक राज्य के 401 किसानों को लगभग 25.45 लाख रुपये बांटे जा चुके हैं। यह रकम पौधरोपण अभियान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी।
पेड़ लगाना और कार्बन क्रेडिट का महत्व
इस योजना के तहत किसान जो कृषि वानिकी (Agroforestry) से पेड़ लगाते हैं, वे पर्यावरण से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों को सोखते हैं। इस प्रक्रिया से पर्यावरण सफ़ाई के साथ-साथ प्रति टन कार्बन सोखने पर किसानों को “कार्बन क्रेडिट” मिलता है। अगर किसान के पास कार्बन क्रेडिट होता है, तो वह उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में 6 अमेरिकी डॉलर तक बेच सकता है। सरकार यह रकम सीधे किसानों के खाते में भेजती है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक फायदा होता है।
कौन-कौन से जिले योजना में शामिल हैं और लाभार्थी कौन हैं?
योजना के पहले चरण में गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों के 401 किसानों को शामिल किया गया है। इन किसानों ने लगभग 42 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किए हैं। पहले चरण में 244 किसानों को ₹49.55 लाख की राशि दी जा चुकी है। दूसरे चरण में देवीपाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडल योजना में शामिल होंगे। तीसरे चरण में पूरे उत्तर प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।
योजना की सफलता के लिए The Energy and Resources Institute (TERI) तकनीकी मदद दे रहा है, जो पेड़ लगवाने की निगरानी, मूल्यांकन और कार्बन क्रेडिट की गणना करता है।
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पेड़ लगाकर किसानों की आय कैसे बढ़ेगी?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर के किसान शिवकुमार, सहारनपुर के रमन सिंह और मेरठ की ममता पाल जैसे कई किसान इस योजना से फायदा उठा कर अपनी आमदनी बढ़ा चुके हैं। सरकार के अनुसार, एक पेड़ से किसानों को 250 से 350 रुपये तक अतिरिक्त आमदनी हो सकती है, जो पेड़ की कटाई या बिक्री की कीमत से अलग है। यह योजना किसानों के लिए सिर्फ पर्यावरण बचाने का जरिया नहीं बल्कि अतिरिक्त आर्थिक आमदनी का स्रोत भी बन चुकी है।
योजना का पर्यावरण और आर्थिक महत्व
भारत सरकार ने 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा है। उत्तर प्रदेश की यह कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना पर्यावरण बचाने के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना से न केवल हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम होगा बल्कि किसानों को हरी गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
विवरण | स्थिति / जानकारी |
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योजना का नाम | कार्बन क्रेडिट फाइनेंस योजना |
लाभार्थी जिलों के पहले चरण | गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर |
पहले चरण में लाभार्थी किसान | 401 किसान |
पहले चरण में वितरित राशि | ₹25.45 लाख |
आगामी चरण | दूसरे चरण में 7 मंडल, तीसरे चरण में पूरे प्रदेश में विस्तार |
प्रौद्योगिकीय सहयोग | The Energy and Resources Institute (TERI) |
सरकारी वेबसाइट | https://up.gov.in/ |
इस योजना से जुड़े किसानों और कृषि प्रेमियों को पेड़ लगाकर न केवल पर्यावरण बचाना चाहिए, बल्कि इसे अपने परिवार के लिए आय का नया स्रोत भी समझना चाहिए। उत्तर प्रदेश की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी बहुत अच्छा उदाहरण पेश करती है।