- बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से हर घरेलू उपभोक्ता को बिजली का प्राथमिक उपयोग मुफ्त मिलेगा।
- मुफ्त बिजली की गणना दैनिक खपत और बिलिंग अवधि के आधार पर की जाती है, जिसमें अधिक खपत पर शुल्क और जुर्माना लागू होगा।
- सब-मीटर वाले किरायेदारों को लाभ नहीं मिलेगा, जबकि वैध उपभोक्ता और प्रीपेड मीटर वाले इस योजना के तहत सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।
बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से अब राज्य के लगभग 1.86 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ता बिजली का अच्छा और सस्ता उपयोग कर सकते हैं। यह योजना घर-घर बिजली के बिलों में राहत देने और ऊर्जा बचत को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना में आप जान पाएंगे कि मुफ्त बिजली की गणना कैसे होती है, कौन-कौन से उपभोक्ता इसका लाभ पा सकते हैं और मुफ्त बिजली के बाद बिजली के शुल्क के नियम क्या होंगे।
बिहार में 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना की पात्रता और लाभ
यह योजना मुख्य रूप से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए है, जो बिजली कंपनी के वैध कनेक्शन से बिजली लेते हैं। इस योजना के तहत हर उपभोक्ता को प्रति माह 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। निशुल्क बिजली का लाभ पाने के लिए उपभोक्ता को बिलिंग अवधि में इस्तेमाल की गई बिजली को देखना होगा। बिहार सरकार ने यह सुविधा उन उपभोक्ताओं के लिए शुरू की है जो बिजली का नियमित और वैध इस्तेमाल करते हैं। किराएदार जो सब-मीटर से बिजली लेते हैं, वे इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं होंगे।
125 यूनिट मुफ्त बिजली की गणना कैसे की जाएगी?
बिजली कंपनी ने साफ किया है कि मुफ्त बिजली की गणना बिलिंग अवधि और दैनिक बिजली खपत के आधार पर की जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर आपका बिल 30 दिन की बजाय 40 दिनों बाद आता है, तो मुफ्त बिजली की सीमा भी उसी अनुसार बढ़ जाएगी। 40 दिनों के लिए आपको 167 यूनिट (125 यूनिट का प्रो-राटा हिसाब) तक मुफ्त बिजली मिलेगी। वहीं अगर बिल 25 दिनों के लिए आए तो आपको 104 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी और उसके बाद की खपत पर शुल्क लगेगा।
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मुफ्त बिजली के बाद अतिरिक्त खपत पर कितना शुल्क लगेगा?
मुफ्त 125 यूनिट के बाद अतिरिक्त खपत पर तय की गई दरों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। पहले 125 यूनिट के लिए ऊर्जा शुल्क, फिक्स्ड चार्ज और बिजली शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन 126 यूनिट से ऊपर हर यूनिट पर अनुदानित शुल्क और बिजली ड्यूटी या फिक्स्ड चार्ज में से जो अधिक होगा, वह लागू होगा। इसके अलावा, अगर उपभोक्ता अपनी मंजूर भार से ज्यादा बिजली खर्च करते हैं तो उन्हें जुर्माना भी देना होगा।
किरायेदार और प्रीपेड मीटर उपयोगकर्ताओं के नियम
जो किराएदार सब-मीटर से बिजली लेते हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं पा सकेंगे। हालांकि, वैध उपभोक्ताओं के तहत आने वाले किरायेदार मुफ्त बिजली का फायदा उठा सकते हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर रखने वालों को भी इस योजना से मदद मिलेगी, जहां अगले महीने उनकी अतिरिक्त राशि समायोजित की जाएगी। जब तक प्रीपेड उपयोगकर्ता 125 यूनिट तक बिजली खर्च नहीं करते, तब तक उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, लेकिन अगर बकाया राशि होगी तो वह वसूली जाएगी।
भुगतान से जुड़ी जरूरी जानकारी और कंपनी की अन्य योजनाएं
बिहार की साउथ कंपनी के जीएम (राजस्व) अरविंद कुमार के अनुसार, जुलाई से पहले की सभी बकाया राशि का भुगतान उपभोक्ताओं को करना जरूरी है। बिना किसी अतिरिक्त शर्त के यह योजना लागू की गई है। कंपनी ने यह भी योजना बनाई है कि अगले तीन सालों में सभी घरेलू उपभोक्ताओं की छतों पर 1.1 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएं। इससे न केवल ऊर्जा बचत होगी बल्कि हर घर में साफ ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ेगा। कुटीर ज्योति योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को पूरी मदद दी जाएगी, जबकि दूसरे घरों को सब्सिडी मिलेगी। जिन लोगों के पास पहले से सोलर पावर प्लांट लगा हुआ है, उनकी बिजली आपूर्ति को घटाकर 125 यूनिट मुफ्त बिजली का फायदा दिया जाएगा।