बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: 1 करोड़ नौकरियों की मंजूरी, BLO को ₹6000 भत्ता

Bihar cabinet sets a target of creating 1 crore jobs by 2030 and approves Rs 6000 allowance for BLOs, alongside key infrastructure and education funding decisions.

  • बिहार सरकार ने 2030 तक 1 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है।
  • बीएलओ और सुपरवाइजर को 6000 रुपये एकमुश्त मानदेय की मंजूरी मिली है।
  • पटना मेट्रो परियोजना, शिक्षकों के वेतन और गंगा के किनारे सड़क निर्माण के बड़े निर्णय लिए गए हैं।

बिहार रोजगार सृजन योजना के तहत राज्य सरकार ने 2030 तक एक करोड़ नौकरियों के सृजन का बड़ा लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही बीएलओ को 6000 रुपये का मानदेय देने का फैसला, शिक्षकों के वेतन भुगतान और पटना मेट्रो समेत अन्य विकास परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इस योजना से बिहार के रोजगार और विकास के रास्ते में नई उम्मीदें जगी हैं।

बिहार में रोजगार सृजन का महत्व और लक्ष्य

बिहार सरकार ने अगले पांच वर्षों (2025-30) में राज्य में एक करोड़ रोजगार सृजन करने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इसका मकसद राज्य की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना और युवाओं को रोजगार के मौके देना है। रोजगार सृजन से औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी और निवेश के नए अवसर भी बनेंगे।

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रोजगार सृजन के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति

इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने 12 सदस्यों की एक उच्चस्तरीय समिति बनाई है। यह समिति विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों से मिलकर बनेगी, जो रोजगार सृजन की रणनीतियाँ बनाएगी और योजना के लागू होने की निगरानी करेगी।

बीएलओ को 6000 रुपये मानदेय: प्रक्रिया और लाभ

मतदाता सूची अपडेट के काम में लगे बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) और सुपरवाइजर के लिए राज्य सरकार ने 6000 रुपये का एकमुश्त मानदेय देने का फैसला किया है। इसके लिए कैबिनेट ने 51 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपये मंजूर किए हैं। यह मानदेय बीएलओ के काम के प्रति सम्मान और प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।

शिक्षकों के वेतन और शिक्षा सुधार पर सरकार का वित्तीय प्रावधान

चुनावी साल में अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और अन्य कर्मियों के वेतन के लिए 3 अरब 94 करोड़ 41 लाख रुपये और 24 हजार रुपये की रकम स्वीकृत हुई है। साथ ही स्कूलों में बेहतर शिक्षा माहौल बनाने के लिए भी खास धनराशि दी गई है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए जरूरी है।

पटना मेट्रो परियोजना के लिए कैबिनेट के निर्णय

पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत अगस्त 2025 से मार्च 2028 तक प्रायोरिटी कॉरिडोर की देखभाल और रखरखाव के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 179 करोड़ 37 लाख रुपये देने की मंजूरी मिली है। साथ ही 3-कार सिंगल ट्रेनसेट किराए पर लेने के लिए 21 करोड़ 15 लाख 44 हजार रुपये की भी मंजूरी मिली है। यह मेट्रो संचालन को बिना रुकावट चलाने के लिए अहम कदम है।

बम निरोधक दस्ता कर्मियों के लिए जोखिम भत्ता

बम निरोधक दस्ता में काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उनके मूल वेतन के अलावा 30% जोखिम भत्ता देने का फैसला कैबिनेट ने किया है। इसके साथ महंगाई भत्ता भी मिलेगा, जो उनके हित की रक्षा करेगा।

गंगा के किनारे वैकल्पिक सड़क निर्माण योजना

मुंगेर और भागलपुर के गंगा के किनारे 42 किलोमीटर लंबी नई वैकल्पिक गंगा पथ सड़क बनेगी। इसके लिए 5119 करोड़ 80 लाख रुपये की मंजूरी मिली है। यह सड़क मुंगेर, बरियारपुर, घोरघट और सुल्तानगंज से होकर गुजरेगी।

मुख्य आंकड़े

रोजगार लक्ष्य 1 करोड़ (2030 तक)
बीएलओ मानदेय 6000 रुपए एकमुश्त
शिक्षा बजट 3 अरब 94 करोड़ रुपये
पटना मेट्रो बजट 179 करोड़ + 21 करोड़ किराए का प्रावधान
गंगा पथ सड़क 42 किमी, 5119 करोड़ रुपये
जोखिम भत्ता 30% मूल वेतन

जानकारी के स्रोत

सरकार की आधिकारिक घोषणाएँ और कैबिनेट बैठक की रिपोर्ट उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए बिहार सरकार की आधिकारिक साइट देखें: https://state.bihar.gov.in

बिहार सरकार के ये फैसले राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में नए कदम साबित होंगे। आप भी अपनी योग्यता और कौशल के अनुसार इन मौके का फायदा उठा सकते हैं। रोजगार सृजन की इस योजना में भाग लेकर अपने भविष्य को सुरक्षित कर लें।

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