- महिला एवं बाल विकास विभाग ने महतारी वंदन योजना में फर्जी लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार वालों से ₹4 लाख की राशि वापस ली है।
- मृत लाभार्थियों के खातों में भी योजना की राशि भेजी गई, जो जांच में सामने आई।
- राज्य सरकार ने डिजिटल जांच और कड़ी जांच के कदम उठाकर ₹21 लाख की वसूली का लक्ष्य रखा है।
महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण सामाजिक योजना है, जिसका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद देना है। हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजना में हुए फर्जी काम का पता लगाया है जिसमें सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार वालों ने गलत तरीके से योजना का लाभ लिया था। इस लेख में हम आपको महतारी वंदन योजना में हुए इस फर्जीवाड़े, राशि वापस लेने की प्रक्रिया और आगे के सुधारों के बारे में विस्तार से बतायेंगे।
महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़ा: किन लोगों ने गलत फायदा उठाया?
महिला एवं बाल विकास विभाग की जांच में पता चला कि रायपुर जिले में 128 सरकारी कर्मचारियों ने गलत जानकारी देकर महतारी वंदन योजना से लाभ लिया। इनमें 42 महिलाएं सरकारी कर्मचारी थीं, जबकि बाकी उनके परिवार के सदस्य जैसे पत्नियां, बेटियां और पेंशनधारी महिलाएं थीं। करीब 17 महीनों तक ये सभी हर महीने ₹1000 अपने खातों में पाते रहे। यह योजना केवल आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए है, इसलिए सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार इसके पात्र नहीं हैं।
गलत लाभ लेने वालों से राशि वापस लेने की प्रक्रिया
विभाग ने फर्जी लाभ लेने वाले सभी लोगों की सूची बनाकर उनसे योजना की राशि वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुल मिलाकर ₹21 लाख की राशि वापस लेने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक लगभग ₹4 लाख की रकम वापस ली जा चुकी है। जिला स्तर पर राशि वापस लेने का अभियान तेजी से चल रहा है।
मृत लाभार्थियों के खातों में जारी राशि का खुलासा
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि कई मृत लाभार्थियों के खातों में भी योजना की राशि भेजी जा रही थी। मृत लाभार्थियों के परिवार ने विभाग को मौत की जानकारी नहीं दी, जिससे पैसे गलत तरीके से ट्रांसफर होते रहे। रायपुर जिले में करीब 2,000 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिन्हें जांच के बाद नोटिस देकर सुधारा जा रहा है।
योजना में जांच व्यवस्था की कमियां और सुधार के कदम
योजना के नियमों में साफ बताया गया था कि कौन पात्र है, लेकिन कागजात जांचने और सही तरीके से सत्यापन करने में लापरवाही के कारण सरकारी कर्मचारियों ने गलत फायदा उठाया। बिना भौतिक जांच राशि मंजूर कर दी गई। अब प्रशासन ने इन मामलों पर ध्यान देकर जांच प्रक्रिया को सख्त और डिजिटल जांच को लागू करना शुरू कर दिया है, जिससे आगे ऐसी गड़बड़ियां न हों।
प्रदेशभर में गड़बड़ी का दायरा और आगे की योजना
सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के कई जिलों में सरकारी कर्मचारी इसी तरह योजना का गलत फायदा उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस योजना को सिर्फ असली और पात्र लाभार्थियों तक सीमित रखने के लिए कड़े नियम और डिजिटल जांच प्रणाली लागू कर रही है। इससे योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी और गरीब महिलाओं को सही मदद पहुंचेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
- महतारी वंदन योजना क्या है, और किसे इसका लाभ मिलता है?
- यह छत्तीसगढ़ सरकार की योजना है, जिसमें पात्र और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹1000 की आर्थिक मदद दी जाती है।
- क्या सरकारी कर्मचारी महतारी वंदन योजना के पात्र हैं?
- नहीं, सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के पात्र नहीं हैं। लाभ केवल आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं ले सकती हैं।
- गलत लाभ लेने वाले कर्मचारियों से राशि कैसे वापस ली जा रही है?
- महिला एवं बाल विकास विभाग ने संबंधित लोगों की सूची बनाकर जिला स्तर पर राशि वापस लेने का अभियान शुरू किया है। अभी तक ₹4 लाख की रकम वापस ली जा चुकी है और प्रक्रिया जारी है।
| मुख्य तथ्य | विवरण |
|---|---|
| फर्जी लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारी | रायपुर जिले में 128 व्यक्ति |
| मृत लाभार्थियों के खाते | लगभग 2000 खाते जहां राशि भेजी गई |
| राशि वापस लेने का लक्ष्य | ₹21 लाख |
| अब तक वसूली | ₹4 लाख |
| सरकारी सुधार | कड़ी जांच और डिजिटल जांच प्रणाली लागू |
इस जांच और सुधार अभियान से योजना की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सही लाभार्थियों को सही मदद मिलेगी। अगर आप महतारी वंदन योजना के पात्र हैं तो अपने नजदीकी महिला एवं बाल विकास विभाग से संपर्क कर योजना की सही जानकारी लें। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और योजना का गलत इस्तेमाल न करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग – महतारी वंदन योजना आधिकारिक वेबसाइट