- मुख्यमंत्री सहभागिता योजना: उत्तर प्रदेश में गाय पालन और ग्रामीण आय को बढ़ावा देने की नई पहल।
- किसानों को 1 से 4 गायें पालने की अनुमति, मनरेगा के तहत गोशाला निर्माण और बायोगैस यूनिट की सुविधा।
- योजना जैविक खेती, नवीकरणीय ऊर्जा और महिलाओं व ग्रामीण युवाओं के लिए स्थायी रोजगार को बढ़ावा देती है।
यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और कृषि या ग्रामीण कार्यों से जुड़े हुए हैं, तो मुख्यमंत्री सहभागिता योजना आपके लिए आय बढ़ाने का सुनहरा अवसर हो सकती है। इस योजना के अंतर्गत प्रति गाय पर ₹1500 की वित्तीय सहायता डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य गायों के पालन-पोषण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना: आपको क्या जानना चाहिए
सरकार ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना की रूपरेखा तैयार कर ली है और इसे जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत किसान 1 से 4 गायें पाल सकते हैं। साथ ही, मनरेगा (MGNREGA) के माध्यम से गोशाला निर्माण के लिए सहायता प्राप्त की जा सकती है। योजना में बायोगैस यूनिट लगाने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे गांवों में स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी।
यह योजना जैविक खेती के तरीकों और बायो-फर्टिलाइज़र के उत्पादन को बढ़ावा देती है, जिससे खेती अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बन सके। खासकर यह योजना महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण युवाओं को स्थायी रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
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मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के लाभ
- 1 से 4 गायों को पालने की अनुमति, जिससे अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है।
- पशुपालकों को प्रत्येक गाय पर ₹1500 की सहायता राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
- मनरेगा की सहायता से गोशाला निर्माण की सुविधा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा के लिए बायोगैस प्लांट लगाने में सहयोग।
- जैविक खेती और बायो-फर्टिलाइज़र उत्पादन को बढ़ावा।
- महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण युवाओं को आजीविका के अवसर।
- गौ संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक साथ सशक्तिकरण।
कैसे यह योजना उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती है
उत्तर प्रदेश गाय संरक्षण और पशुधन विकास में देश का अग्रणी राज्य है। 20वीं पशुधन गणना (2019) के अनुसार, राज्य में कुल 1.90 करोड़ पशुधन हैं, जिनमें 11.84 लाख आवारा पशु शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गौ संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य की पशुधन अर्थव्यवस्था का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7.1% योगदान है, जो राष्ट्रीय औसत 4.11% से अधिक है। राज्य हर वर्ष लगभग 390 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन करता है, जिससे ग्रामीण जीवन सशक्त होता है।
मुख्यमंत्री स्वदेशी गौवंश प्रोत्साहन योजना और नंदिनी कृषक समृद्धि योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से साहीवाल, गिर और थारपारकर जैसी देशी नस्लों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 25 दूध देने वाली गायों की यूनिट स्थापित की जा रही हैं, जिनमें से 50% लाभार्थी महिलाएं हैं, जो महिला किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयासों को दर्शाता है।

गायों के चारे और देखभाल के लिए अतिरिक्त उपाय
चारा नीति 2024 के तहत 230 हेक्टेयर भूमि पर नेपियर घास की खेती की जा रही है, जिससे लगभग 1.73 लाख क्विंटल हरा चारा उत्पादित किया जाएगा। इससे योजना के अंतर्गत पाली जा रही गायों के लिए पर्याप्त और पोषणयुक्त चारे की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो स्वस्थ दूध उत्पादन और स्थायी पशुपालन के लिए आवश्यक है।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना में आवेदन कैसे करें
योजना के लिए आधिकारिक आवेदन प्रक्रिया जल्द ही घोषित की जाएगी। इच्छुक किसान और ग्रामीण लोग स्थानीय सरकारी कार्यालयों या उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि एवं पशुपालन विभाग की घोषणाओं पर नजर रखें।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और भूमि स्वामित्व या पट्टे की जानकारी पहले से तैयार रखें। महिला स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण युवा योजना में भाग लेने के लिए अपनी स्थानीय पंचायत या ब्लॉक विकास कार्यालय से संपर्क कर पात्रता और पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गाय संरक्षण, जैविक खेती और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए स्थायी आय अर्जित करने का एक सशक्त माध्यम है। यह योजना हरित, स्वच्छ और आर्थिक रूप से मजबूत गांवों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।