- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025-26 से 100 जिलों में लागू होगी।
- 1.7 करोड़ किसानों को फसल विविधीकरण और टिकाऊ खेती के जरिए लाभ मिलेगा।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी, महिला किसानों को प्राथमिकता और जिला स्तर पर फंड वितरण होगी।
पीएम धन धान्य कृषि योजना को 2025-26 से देश के 100 जिलों में लागू किया जाएगा। यह योजना किसानों की फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसका मकसद करीब 1.7 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाना है। यह योजना कृषि उत्पादकता बढ़ाने और ग्रामीण आजीविका सुधार के लिए एक बड़ा कदम है।
किस जिले में पीएम धन धान्य कृषि योजना लागू होगी?
पीएम धन धान्य कृषि योजना के तहत 100 ऐसे जिलों का चयन किया गया है जहां कृषि उत्पादकता कम है और कम अवधि के कृषि ऋण की पहुंच सीमित है। चयन के मानदंड इस तरह हैं:
- कम उत्पादकता वाले जिले।
- फसल सघनता कम और फसल प्रणाली में विविधता की कमी वाले जिले।
- जिन जिलों में एक साल में खेतों में कम फसल होती है।
- आर्थिक रूप से कमजोर जिले, जहां किसानों की आय बढ़ाने की जरूरत है।
ये जिले 6 साल की अवधि में योजना के तहत पूरे कृषि विकास के लिए चुने गए हैं।
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योजना के फंड और काम करने का तरीका
कुल 11 केंद्रीय विभागों की 36 योजनाओं को एक साथ मिलाकर इस योजना के लिए फंड मिलेंगे। हर साल 24,000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय मदद उपलब्ध होगी।
योजना को लागू करने के लिए जिला स्तर पर एक समग्र कृषि प्रोग्राम तैयार किया जाएगा। काम करने का तरीका इस तरह होगा:
- केंद्र सरकार योजनाओं के लिए फंड राज्यों को देगी।
- राज्य इसे जिला स्तर तक पहुंचाएंगे।
- केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर योजना की निगरानी होगी।
- महिला किसानों और छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।
निजी क्षेत्र की भागीदारी और उनकी भूमिका
निजी क्षेत्र की भागीदारी से योजना को और बेहतर बनाया जाएगा, जिसमें शामिल हैं:
- फसली विविधीकरण और मूल्य वर्धन के लिए निजी कंपनियों का सहयोग।
- उत्पाद के भंडारण और प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना।
- सरकार की ओर से निजी उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव।
- कृषि उत्पादक संगठन और सहकारी समितियों की सक्रिय भूमिका।
किसानी क्षेत्र में योजना के खास फायदे
योजना में कृषि के विभिन्न पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है:
- बागवानी, पशुपालन और मत्स्यपालन में निवेश।
- दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाना।
- प्राकृतिक खेती और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना।
छोटे और महिला किसानों को मिलने वाले फायदे
छोटे किसानों और महिलाओं को मदद देने के लिए खास कोशिशें की जाएंगी:
- छोटे किसान क्लस्टर के जरिए योजना का फायदा मिलेगा।
- महिला स्वयं सहायता समूहों जैसे ड्रोन दीदी, पशु सखी आदि के जरिए लाभ पहुंचाया जाएगा।
- किसानों को सस्ते और आसानी से मिलने वाले कृषि ऋण की सुविधा।
- महिला किसानों को कृषि गतिविधियों में आगे बढ़ाने और समेकित मदद।
आप इस योजना के तहत अपनी खेती को ज्यादा उत्पादक, विविध और टिकाऊ बना सकते हैं। सरकारी वेबसाइट pmkisan.gov.in पर आप योजना की पूरी जानकारी और आवेदन प्रक्रिया देख सकते हैं।