- 8.5 करोड़ से अधिक लोगों को मिला मुफ़्त इलाज पीएम जन आरोग्य योजना के तहत
- कोरोना काल में ₹1.2 लाख करोड़ का खर्च हुआ स्वास्थ्य सेवाओं पर
- अब हर परिवार के सदस्य को मिल रहा है स्वास्थ्य बीमा का लाभ
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के अंतर्गत अब तक 8.5 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल चुकी हैं, जिससे सरकार ने लगभग ₹1.2 लाख करोड़ खर्च किया। यह योजना 2018 में शुरू हुई और इसने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का दर्जा प्राप्त किया है। इसके तहत, गरीब और निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को हर साल ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्राप्त होता है। यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि महंगे इलाज के कारण उन्हें कर्ज में न डूबना पड़े।
तमिलनाडु इस योजना का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है, जहां अब तक 90.49 लाख लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। इसके बाद कर्नाटक (66.04 लाख), राजस्थान (57.41 लाख), केरल (54.64 लाख), आंध्र प्रदेश (49.67 लाख) और गुजरात (45.46 लाख) का स्थान है। लक्षद्वीप में सबसे कम सिर्फ 780 लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है।
PM-JAY की एक खास बात यह है कि इसमें परिवार के सदस्यों की संख्या या उम्र की कोई सीमा नहीं है। इसका मतलब है कि परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकता है। इलाज से जुड़ा हर खर्च कवर किया जाता है, जैसे:
- दवाइयां
- जांच
- डॉक्टर और सर्जन की फीस
- आईसीयू और अस्पताल में भर्ती होने का खर्च
- मरीज को छुट्टी मिलने के बाद 15 दिनों तक फॉलो-अप इलाज भी मुफ्त
अब तक सरकार ने 36.54 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए हैं, जिससे लोगों को मुफ्त इलाज प्राप्त करने में सहुलियत मिल रही है। सबसे अधिक कार्ड उत्तर प्रदेश में जारी किए गए हैं (5.19 करोड़), जबकि लक्षद्वीप में सबसे कम (35,343) जारी हुए हैं। वर्तमान में 31,077 सरकारी और निजी अस्पताल इस योजना के तहत मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना भी शुरू की है, जिसके तहत बुजुर्गों को हर साल अलग से ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इस योजना से लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिली है और यह भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।