- 2 अगस्त 2025 को बिहार के 74 लाख किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से इस राशि का ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे।
- फार्मर रजिस्ट्री की जरूरत हटने से अब ज्यादा किसान इस योजना का फायदा उठा सकेंगे।
अगर आप बिहार के किसान हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana के तहत 2 अगस्त 2025 को 74 लाख किसानों को 20वीं किस्त मिल रही है। यह योजना अब किसानों के लिए और भी आसान हो गई है क्योंकि फार्मर रजिस्ट्री की जरूरत हटा दी गई है। इस योजना के तहत सीधे किसानों के बैंक खाते में सालाना ₹6000 (तीन किस्तों में) की आर्थिक मदद दी जाती है।
PM किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त कब और कैसे मिलेगी?
इस बार 2 अगस्त 2025 को ₹2000 की यह 20वीं किस्त बिहार के करीब 74 लाख किसानों के बैंक खातों में डिजिटल तरीके से भेजी जाएगी। इससे किसानों को तुरंत आर्थिक मदद मिलेगी और उनकी फसलों की देखभाल और खेती के कामों में मदद होगी।
बनारस से प्रधानमंत्री का सीधे ट्रांसफर कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी (बनारस) से एक ऑनलाइन कार्यक्रम के जरिए किसानों के खातों में सीधे इस योजना की 20वीं किस्त ट्रांसफर करेंगे। इससे किसानों को भुगतान में कोई देरी नहीं होगी और पूरी स्पष्टता बनी रहेगी। यह कार्यक्रम खेती से जुड़ी दूसरी लाभकारी योजनाओं को भी किसानों तक पहुँचाने का मौका देगा।
बापू सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम की जानकारी
पटना के बापू सभागार में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बड़ा राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा, जिसमें लगभग 5000 किसानों को पीएम किसान योजना समेत अन्य कृषि योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। इसका मकसद किसानों को इन योजनाओं और उनके फायदों के बारे में जागरूक करना है।
फार्मर रजिस्ट्री की जरूरत हटने का असर
पहले फार्मर रजिस्ट्री को जरूरी माना गया था, जिसके तहत बिहार में सिर्फ 4 लाख किसानों की ही रजिस्ट्री बनी थी। यह संख्या योजना के असली लाभार्थियों से बहुत कम थी। अब यह जरूरत हटा दी गई है, जिससे बिहार के कुल 74 लाख किसानों को योजनाओं का फायदा मिलेगा।
किसान रजिस्ट्री की स्थिति और इससे जुड़े बदलाव
इस बदलाव के बाद नॉन-रजिस्टर्ड किसान भी फायदा उठा सकेंगे। अब किसी किसान को रजिस्ट्री कराने की जरूरत नहीं है, जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों तक योजना का लाभ पहुंचाना संभव होगा। इससे किसानों को सीधे आर्थिक मदद मिलेगी और उनकी खेती में आर्थिक स्थिरता आएगी।