- यूपी बकरी पालन योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बकरी पालन पर 50% तक की सब्सिडी प्रदान करती है।
- पात्र लाभार्थी ₹20 लाख से ₹1 करोड़ तक के ऋण आसान किश्तों में चुका सकते हैं।
- आवेदकों को पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जमा करनी अनिवार्य है।
यूपी बकरी पालन योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य बकरी पालन को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देना और किसानों की आमदनी को बेहतर बनाना है। यह योजना बकरी पालन इकाइयों की स्थापना के लिए कुल परियोजना लागत का 50% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। यह नेशनल लाइवस्टॉक मिशन (NLM) का हिस्सा है और राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा संचालित की जाती है।
यूपी बकरी पालन योजना की प्रमुख विशेषताएं और लाभ
यह योजना 2023 में शुरू हुई थी और 2025 में इसे और अधिक लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ विस्तारित किया गया। सरकार ₹20 लाख से ₹1 करोड़ तक की आसान ऋण सुविधा प्रदान करती है ताकि बकरी पालन व्यवसाय स्थापित किया जा सके। सब्सिडी से निवेश का बोझ कम होता है, जिससे यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों के लिए आकर्षक बनती है।
- कुल परियोजना लागत का 50% तक वित्तीय सहायता।
- 100 से 500 बकरियों की 5 परिभाषित श्रेणियों वाली इकाइयों को समर्थन।
- ऋण की आसान मासिक किश्तों में चुकौती।
- आर्थिक रूप से टिकाऊ बकरी पालन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन।
- आवेदकों के लिए पशुपालन प्रबंधन का प्रशिक्षण अनिवार्य।
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पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज
यूपी बकरी पालन योजना में भाग लेने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
- उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।
- बकरी पालन या पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो।
- बकरी पालन के लिए पर्याप्त भूमि और संसाधन होने चाहिए।
- आवेदन करने वाले समूह पंजीकृत स्वयं सहायता समूह, किसान संगठन या सेक्शन 8 कंपनियां हों।
- ऋण प्रक्रिया के लिए सक्रिय बैंक खाता अनिवार्य है।
जमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बकरी पालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- भूमि स्वामित्व दस्तावेज (खतौनी/खाता)
- यदि भूमि किराए पर है तो लीज एग्रीमेंट
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR)
- यदि ऋण लिया गया है तो बैंक स्वीकृति पत्र
बकरी पालन इकाइयों की श्रेणियाँ
यह योजना विभिन्न स्तरों की बकरी पालन इकाइयों को समर्थन देती है, जिनमें ब्रीडिंग बक की संख्या निर्धारित होती है:
- 100 बकरी इकाई – 5 ब्रीडिंग बक के साथ
- 200 बकरी इकाई – 10 ब्रीडिंग बक के साथ
परियोजना लागत का 50% अनुदान दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी परियोजना लागत ₹50 लाख है, तो आपको ₹25 लाख की सब्सिडी मिल सकती है।
यूपी बकरी पालन योजना में आवेदन कैसे करें
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://nlm.udyamimitra.in
- पोर्टल पर स्वयं को रजिस्टर करें।
- लॉगिन करें और “Goat Farming Scheme” विकल्प चुनें।
- सटीक विवरण के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट करें।
- DPR सत्यापन के बाद बैंक और विभाग द्वारा अनुमोदन प्रदान किया जाएगा।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
- अपने जिले के पशुपालन विभाग कार्यालय से संपर्क करें।
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और उसे मैन्युअली भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें और निरीक्षण हेतु जमा करें।
- सत्यापन और मूल्यांकन के बाद आवेदन को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
इस योजना के प्रभाव और आपके लिए फायदे
- बकरी पालन शुरू करने के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्राप्त करें।
- बेरोजगार युवाओं के लिए खुद का व्यवसाय शुरू करने का मौका।
- किसान समूहों को स्थायी व्यवसाय मॉडल स्थापित करने में सहयोग।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय में वृद्धि।
- महिलाओं को बकरी पालन के जरिए आत्मनिर्भर बनने का अवसर।
इस योजना से जुड़कर आप सरकारी सहायता के साथ एक लाभदायक बकरी पालन व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं, जो ग्रामीण विकास और आपकी आर्थिक उन्नति में सहायक सिद्ध होगा।