- झारखंड सरकार ने अबुआ आवास योजना को तेजी से पूरा करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
- लंबित भुगतान जल्दी से पूरा करने और सही लाभार्थियों को आवास देने पर खास जोर दिया जा रहा है।
- मनरेगा, पंचायत भवन और आजीविका योजनाओं की समीक्षा भी की जा रही है ताकि ग्रामीण विकास को ज्यादा समर्थन मिले।
झारखंड सरकार द्वारा अबुआ आवास योजना पर खास ध्यान देते हुए अधिकारियों से कहा गया है कि वे सही लाभ पाने वाले लोगों को समय पर घर बांटें और बाकी बचे भुगतान जल्द खत्म करें। गांवों के विकास के लिए मनरेगा, पंचायत भवन और आजीविका योजनाओं की भी समीक्षा की जा रही है ताकि योजना ठीक से चले।
अबुआ आवास योजना के तहत पात्रता और लाभार्थी
अबुआ आवास योजना में किन लोगों को फायदा मिलेगा, इसके नियम साफ किए गए हैं ताकि सही लोग इसका लाभ उठा सकें। इस योजना का फायदा वही लोग उठा सकते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हों और जिनके पास अभी कोई स्थिर घर नहीं है। पात्र होने के लिए पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जरूरी होते हैं। सरकार नियमों के अनुसार साफ-साफ तरीके से लाभार्थी चुनती है ताकि योजना का मकसद पूरा हो सके।
अबुआ आवास योजना में किस्त भुगतान प्रक्रिया
सरकार ने अबुआ आवास योजना के लिए 2023-24 और 2024-25 के प्रथम, द्वितीय और तृतीय किस्तें जारी कर दी हैं। इससे निर्माण काम जल्दी पूरा होगा। बाकी बचे भुगतानों को जल्दी से निपटाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सही लोग अपने घर जल्द पा सकें। हर किश्त का भुगतान अच्छी गुणवत्ता और तय समय के अंदर किया जाता है।
अधिकारी निर्देश और परियोजना की समयबद्धता
सरकार ने अधिकारियों को कहा है कि वे अबुआ आवास योजना के निर्माण काम को समय पर पूरा करें। इससे गांव के लोगों को घर और अन्य सुविधाएं समय पर मिलेंगी। अधिकारियों को प्रोजेक्ट की निगरानी बढ़ाने, नियमित रिपोर्ट देने और किसी भी दिक्कत को तुरंत हल करने की जिम्मेदारी दी गई है। योजना को पूरा करने के लिए कड़ी नजर रखी जा रही है।
ग्रामीण विकास से जुड़ी अन्य योजनाओं की समीक्षा
अबुआ आवास योजना के साथ-साथ झारखंड सरकार ने मनरेगा, पंचायत भवन निर्माण और समूह आधारित आजीविका योजनाओं की भी समीक्षा की है। मनरेगा के तहत मिट्टी मोरंग सड़क योजना को खास प्राथमिकता दी गई है जिससे गांवों की सड़कें मज़बूत हों। पंचायत भवनों को समय पर चलाया जाए ताकि गांव वालों को बेहतर सेवाएं मिलें। आजीविका योजना के तहत गांव की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। इसका नियमित मूल्यांकन हो रहा है ताकि प्रदर्शन और बेहतर किया जा सके।
स्थानीय अधिकारियों की भागीदारी और जिम्मेदारियां
बैठक में मौजूद डीडीसी, डीएसओ, और अन्य उच्च अधिकारी थे जिन्होंने योजना के काम को सही तरीके से चलाने में अपनी भूमिका बताई। उन्हें लाभार्थियों के चयन, निर्माण कार्य की निगरानी और समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी मिली है। स्थानीय स्तर पर बीडीओ और अन्य अधिकारी भी योजनाओं की निगरानी और साफ-सुथरी कार्यवाही में मदद कर रहे हैं। इस तरह लोगों के हित का ख्याल रखते हुए योजनाएं सफल हो रही हैं।
सरकारी निर्देश
- निर्माण कार्य तय समय में पूरा करें।
- बची हुई किस्त जल्दी भुगतान करें।
- पंचायत भवन समय पर चलाएं।
- आजीविका योजनाओं की समीक्षा करें।
प्रमुख अधिकारी
- डीडीसी सतीश चंद्रा
- डीएसओ झुनू कुमार मिश्रा
- जेएसएलपीएस के डीपीएम मतीन तारीक
- बीडीओ और अन्य अधिकारी
झारखंड सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर इस योजना की पूरी जानकारी मिलती है। आप अपने नजदीकी पंचायत या जिला कार्यालय से संपर्क करके योजना का फायदा पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजनाओं के सही तरीके से चलने से गांव के जीवन में सुधार आ रहा है।