- बिहार और झारखंड में पीएम फसल बीमा योजना की स्वीकृति में सुधार हुआ है।
- अब 27 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में योजना के लाभार्थी वित्तीय सुरक्षा पा रहे हैं।
- बीमा भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्र ने कई बदलाव किए हैं, साथ ही टोल-फ्री हेल्पलाइन भी शुरू की गई है।
PM फसल बीमा योजना के तहत बिहार, झारखंड और दूसरे राज्यों में अब योजना को ज्यादा स्वीकार किया जा रहा है। हाल के सुधारों और केंद्र-राज्य बातचीत के कारण अब ज्यादा किसानों को PM फसल बीमा योजना के तहत वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। अगर आप बिहार या झारखंड जैसे राज्यों से हैं, तो ये बदलाव आपके लिए जरूरी हैं।
झारखंड और बिहार में पीएम फसल बीमा योजना की स्वीकृति बेहतर हुई
बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में पहले पीएम फसल बीमा योजना को अपनाने में दिक्कतें थीं। लेकिन अब हालिया बातचीत और सुधार के जरिए इन राज्यों ने योजना को स्वीकार करने की तरफ कदम बढ़ाए हैं। किसानों और राज्यों की चिंताएं दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कई अच्छे कदम उठाए हैं।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में योजना का अभी का विस्तार
अब तक पीएम फसल बीमा योजना से 27 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश जुड़े हैं। इस योजना के जरिए छोटे और सीमांत किसान वित्तीय सुरक्षा पा रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं से हुए फसल नुकसान के लिए किसानों को सही मुआवजा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए लगभग 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट भी रखा है।
केंद्र और राज्यों के बीच बातचीत में प्रगति
बिहार सरकार ने पहले इस योजना को स्वीकार नहीं किया था और मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना लागू की थी। लेकिन अब केंद्र के साथ तीन दौर की बातचीत अच्छी रही है। कृषि और किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि बिहार अगले फसल मौसम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अपनाएगा। झारखंड के साथ भी बातचीत तेजी से हो रही है, जिससे वहां के किसान जल्द ही योजना का लाभ ले सकेंगे।
बीमा भुगतान प्रक्रिया में बदलाव
बीमा भुगतान प्रक्रिया को ज्यादा साफ और तेज बनाने के लिए सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। अब दावे मिलने के बाद बीमा कंपनियों को केवल तीन सप्ताह के अंदर भुगतान करना होगा। इससे पहले भुगतान में कम से कम दो महीने लग जाते थे। यह कदम किसानों के लिए राहत देगा।
बीमा कंपनियों की जवाबदेही और कड़ी निगरानी
सर्वेक्षण में हो रही देरी खत्म करने के लिए बीमा कंपनियों पर कड़े नियम लगाए गए हैं। अगर वे एक महीने के भीतर भुगतान नहीं करते, तो उन्हें 12% ब्याज के साथ राशि चुकानी होगी। साथ ही केंद्र ने अपनी हिस्सेदारी का भुगतान समय से पहले शुरू कर दिया है ताकि भुगतान में रुकावट न आए।
किसानों के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन सुविधाएं
अगर किसान अपनी क्लेम प्रक्रिया के दौरान किसी समस्या का सामना करते हैं तो वे टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर मदद पा सकते हैं। इसके अलावा, वाट्सएप पर 7065514447 नंबर पर मैसेज भेजकर भी समस्याओं का समाधान मिल सकता है। ये कदम किसानों के लिए बहुत मददगार होंगे।
जरूरी जानकारी
कुल लाभार्थी राज्य | 27 |
अगला फसल मौसम लागू | 2025-26 |
केंद्र सरकार का बजट | 69,515.71 करोड़ रुपये |
टोल-फ्री नंबर | 14447 |
वाट्सएप हेल्पलाइन | 7065514447 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pmfby.gov.in |