बावनथड़ी जल आपूर्ति योजना संकट में, महाराष्ट्र में नदी सूखने से पानी की सप्लाई प्रभावित।

Bawanthadi Water Supply Scheme faces shutdown risk as Bawanthadi river dries up, impacting drinking water supply in Maharashtra and Madhya Pradesh border villages.

  • बावनथड़ी जलापूर्ति योजना को संकट, नदी सूखने से पेयजल की आपूर्ति प्रभावित।
  • मध्यप्रदेश की जल संग्रहण व्यवस्था और बालाघाट जिलाधिकारी की मंजूरी जरूरी।
  • स्थानीय संघर्ष समिति ने पानी छोड़ने की मांग की, दोनों राज्यों को साथ काम करना होगा।

बावनथड़ी जलापूर्ति योजना महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र के गांवों में पेयजल का मुख्य स्रोत है, जो अब मुश्किल में है। बावनथड़ी नदी सूखने के कारण यह योजना सही तरीके से काम नहीं कर पा रही है, जिससे हजारों आदिवासी और किसान परिवारों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

बावनथड़ी जलापूर्ति योजना पर संकट

बावनथड़ी जलापूर्ति योजना, जो महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के किसानों और ग्रामीणों को पीने का पानी देती है, अब बंद होने के करीब है। बावनथड़ी नदी लगभग डेढ़ महीने से पूरी तरह सूख चुकी है, जिससे इस योजना की स्थिरता खतरे में आ गई है। गांवों के कुएं सूख गए हैं और लोग पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं।

जल संकट के कारण और प्रभाव

नदी के सूखने का मुख्य कारण मौसमी बदलाव और जल संचयन में कमी है। इस संकट से प्रभावित क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पशुधन भी हैं, जिनके लिए पानी की कमी बड़ी समस्या है। आदिवासी और किसान परिवार पानी की कमी से अपनी दिनचर्या में बड़ा बदलाव महसूस कर रहे हैं और सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार की भूमिका

बावनथड़ी बांध का जल संग्रहण मध्यप्रदेश सरकार के नियंत्रण में है। इस पानी का उपयोग दोनों राज्यों के किसानों और गांवों के लिए किया जाता है। पानी छोड़ने का फैसला बालाघाट जिलाधिकारी के आदेश से ही लिया जाता है। फिलहाल बालाघाट जिलाधिकारी की मंजूरी का इंतजार हो रहा है ताकि बांध से पानी छोड़ा जा सके और जल संकट कम हो।

स्थानीय समुदायों और संघर्ष समिति की मांगें

पठार संघर्ष समिति के पदाधिकारी बालाघाट जिलाधिकारी से सीधे मिलकर बावनथड़ी नदी के बांध में पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों द्वारा जल संकट के बढ़ते प्रभाव को लेकर लगातार विरोध हो रहा है। सरपंच दीपक पुस्तोडे और अन्य प्रतिनिधि क्षेत्र के जल संकट को संज्ञान में लाने के लिए काम कर रहे हैं।

समाधान के लिए संभावित कदम

इस जल संकट से निपटने के लिए दोनों राज्यों को साथ काम करना होगा। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों को बातचीत बढ़ाकर जल संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन करना होगा और नदी में पानी छोड़ने की प्रक्रिया जल्द पूरी करनी होगी। इससे बावनथड़ी जलापूर्ति योजना बचाई जा सकेगी और ग्रामीण इलाकों में पानी की कमी कम होगी।

मुख्य बिंदुविवरण
जलस्रोतबावनथड़ी नदी और बांध
प्रभावित क्षेत्रमहाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सीमा के करीब 50-60 गांव
मुख्य कारणनदी का सूखना, जल संग्रहण पर नियंत्रण
मुख्य मांगबालाघाट जिलाधिकारी से पानी छोड़ने की अनुमति
आधिकारिक नियंत्रणमध्यप्रदेश सरकार जल संग्रहण नियंत्रण में
समस्या समाधानदोनों राज्यों के बीच सहयोग और जल प्रबंधन

जल संकट क्षेत्रीय सहयोग की मांग करता है, इसलिए उम्मीद है कि बालाघाट और महाराष्ट्र की टीम जल्द ही जरूरी कदम उठाकर ग्रामीण इलाकों की जिंदगी आसान बनाएगी।

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