- बिहार सरकार कृषि रोडमैप के तहत हर पंचायत में कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC) स्थापित करेगी।
- किसानों को जुताई, बुआई, रोपाई, हार्वेस्टिंग, थ्रेसिंग जैसे आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर मिलेंगे।
- कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए किसान समूहों को 40% तक (अधिकतम 4 लाख रुपये) अनुदान मिलेगा।
बिहार में कृषि विकास के लिए सरकार कस्टम हायरिंग केंद्र योजना लेकर आई है जिसके तहत किसानों को किराए पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाएंगे और उनको पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी। बिहार सरकार ने कृषि रोडमैप के तहत राज्य के सभी पंचायतों में इस योजना के जरिए किसानों को यंत्र किराए पर देने के लिए अनुदान देने का फैसला किया है।
कस्टम हायरिंग केंद्र से किसानों को क्या फायदा होगा
सरकार का मकसद है कि हर छोटे और सीमांत किसान को आधुनिक यंत्रों का फायदा मिले ताकि खेती-किसानी के खर्च कम हों और उत्पादन बढ़े। कस्टम हायरिंग केंद्र (CHC) की स्थापना से किसान जरूरत के मुताबिक जुताई, बुआई, रोपाई, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग के लिए यंत्र किराए पर ले सकेंगे।
इससे किसानों को बड़े निवेश की जरूरत नहीं पड़ेगी, और वे समय पर जरूरी कृषि काम आराम से पूरा कर सकेंगे। इससे खेती में श्रम भी बचेगा और उत्पादन भी बेहतर होगा।
किसान समूहों के लिए अनुदान योजना
बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की लागत लगभग 10 लाख रुपये हो सकती है, जिसमें से राज्य सरकार 40 प्रतिशत यानी अधिकतम 4 लाख रुपये तक अनुदान देगी।
यह अनुदान किसानों या किसान समूहों जैसे प्रगतिशील कृषक, जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, किसान उत्पादक संगठन आदि को दिया जाएगा। इससे ये समूह केंद्र स्थापित कर यंत्र किराए पर दे सकेंगे।
सरकार के इस मॉडल के अनुसार, हर प्रमुख कृषि काम के लिए कम से कम एक यंत्र शामिल होना चाहिए ताकि स्थानीय फसल चक्र का ध्यान रखा जा सके।
विशेषता | विवरण |
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केंद्र स्थापना लागत | अधिकतम 10 लाख रुपये |
सरकारी अनुदान | 40% या अधिकतम 4 लाख रुपये |
लाभार्थी | किसान समूह जैसे FPO, SHG, किसान क्लब, आत्मा समूह आदि |
उद्देश्य | किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर देना |
किसान कैसे लाभ उठा सकते हैं?
अगर आप प्रगतिशील किसान हैं या किसी किसान समूह के सदस्य हैं, तो बिहार सरकार के इस Custom Hiring Centers Scheme में आवेदन कर सकते हैं। ये केंद्र आपके क्षेत्र की हर पंचायत में बनाए जाएंगे, जिससे आपके लिए यंत्र मिलना और किराया देना आसान हो जाएगा।
इस योजना से आप बिना ज्यादा पूंजी लगाए, अपनी खेती के लिए जरूरी यंत्र किराए पर ले सकते हैं और अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं। इससे खेती की लागत कम होगी और आपके लाभ में सुधार होगा।
यह योजना खास तौर से छोटे किसानों के लिए मददगार साबित होगी जो अब तक महंगे यंत्रों तक नहीं पहुंच पाते थे। अपने नजदीकी कस्टम हायरिंग केंद्र के बारे में जानकारी के लिए अपने पंचायत कार्यालय या कृषि विभाग से संपर्क करें।