- सीएम धामी के अनुसार, भारत दर्शन योजना के तहत मेधावी छात्रों को देश के प्रमुख संस्थानों का भ्रमण कराया जाएगा।
- उच्च शिक्षा में व्यावसायिक, उद्यमिता और रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके।
- युवाओं को विदेशी भाषा और कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे विदेशों में रोजगार के लिए तैयार हो सकें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यावसायिक, उद्यमिता एवं रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
सीएम धामी ने यह भी कहा कि विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से सम्पर्क कर विभिन्न देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए।
भारत दर्शन योजना: मेधावी छात्रों के लिए
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराने का भी निर्देश दिया। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को देश के विभिन्न संस्थानों और संस्कृतियों से परिचित कराना है, जिससे उनकी शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि हो सके। राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं।
उच्च शिक्षा में सुधार के लिए अन्य कदम
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षण गतिविधियों को रूचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
पाठ्यक्रम में नवाचार और ई-लाइब्रेरी
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ने पर जोर दिया। इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लेने की बात कही। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हों, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं।