- मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों की संख्या 10 लाख से बढ़कर 56 लाख हो गई है।
- भौतिक सत्यापन में देरी और गड़बड़ियों के चलते किस्तों का भुगतान प्रभावित हुआ है।
- आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे प्रक्रिया में सुधार की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अगली किस्त जारी करने में देरी के कारण लाभुकों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। लाभुकों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ सत्यापन में देरी और गड़बड़ियों के कारण समस्याएँ सामने आ रही हैं। अगस्त 2024 में जब योजना के तहत पहले किस्त के 1000 रुपये का भुगतान किया जाना था, उस समय सत्यापन प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया था, जिससे आज कई धांधलियों का खुलासा हो रहा है।
दिसंबर 2024 से राशि बढ़ी थी
दिसंबर में योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये प्रति माह कर दिया गया था। 26 दिसंबर से बढ़ी हुई पहली किस्त जारी करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। 6 जनवरी 2025 को 56 लाख 61 हजार 791 लाभुकों के खातों में 2500 रुपये की पहली किस्त आई। अब तक 10 लाख नए आवेदन जमा हो चुके हैं। अयोग्य लाभुकों द्वारा लाभ लेना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
वर्तमान प्रक्रिया
विभागीय अधिकारी आधार-संlinked एकल बैंक खाता से भुगतान सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दे रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाभुकों का भौतिक सत्यापन चल रहा है। योजना की राशि बढ़ने और सत्यापन में देरी के कारण किस्तें जारी नहीं हो पा रही हैं। महिला बाल विकास एवं सामाजिक विभाग के अनुसार, पोर्टल अब सक्रिय है।
आधार प्रमाणीकरण का महत्व
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है। लाभुकों को आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना होगा। अगर किसी के पास आधार संख्या नहीं है, तो उन्हें आधार नामांकन के लिए आवेदन करना होगा। अन्य उपाय जैसे आइरिस स्कैन या चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।