- लाभार्थियों को सस्ती बिजली देने के लिए शुरू की गई नई पहल
- रेस्को मॉडल से उपभोक्ता और वेंडर के बीच बनेंगे नए करार
- रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने से बिजली के खर्च में आएगी कमी
देश में PM Suryaghar Yojana के तहत, उपभोक्ताओं को बिजली के खर्च को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस योजना के अंतर्गत तीन किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने की नई पहल की गई है। यह पहल नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा की गई है, जो उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराएगी।
क्या है नई पहल?
इस पहल में नया यूएलए (यूटिलिटी लैड एग्रीगेशन) मॉडल शामिल है, जो रेस्को और बिजली कंपनियों के बीच करार का आधार बनेगा। इस मॉडल के तहत, उपभोक्ता रूफटॉप लगाने वाली कंपनियों के साथ सस्ते दरों पर बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
उपभोक्ताओं की रुचि कम क्यों?
वर्तमान में, राज्य की बिजली कंपनियों के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने में उपभोक्ताओं की रुचि अपेक्षाकृत कम है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
- उच्च प्रारंभिक लागत
- सब्सिडी के बावजूद खर्च की चिंता
- बिजली की दरों का अस्पष्टता
उपभोक्ताओं के लिए फायदे
इस नई पहल से उपभोक्ताओं को कई फायदे मिलेंगे:
- 80 प्रतिशत तक बिजली बिल में कमी
- पर्यावरण के अनुकूल और हरित ऊर्जा का उपयोग
- सस्ती बिजली प्राप्त करने का आसान रास्ता
करार की अवधि: नए दिशा-निर्देशों के तहत, वेंडर उपभोक्ता की छत का उपयोग पांच साल तक कर सकेगा, उसके बाद छत का पूर्ण स्वामित्व उपभोक्ता का होगा। इस समय के बाद वेंडर फिर से रूफटॉप पैनल लगा सकेगा अगर करार बढ़ाया जाए।
राज्य के लक्ष्य पर असर
जहां तक जयपुर का सवाल है, पीएम सूर्यघर योजना के तहत इस वर्ष रूफटॉप लगाने का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। पिछले साल 35,500 रूफटॉप लगाने का लक्ष्य था लेकिन अब तक केवल 21,000 रूफटॉप ही लगे हैं। बिजली विभाग के अनुसार यह सब खर्च और मुफ्त बिजली की चिंता के कारण है।
रूफटॉप सोलर से उपभोक्ताओं को फायदा होगा और प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत सस्ती और पर्यावरण अनुकूल बिजली मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
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